Republic Day 2025: हमारे संविधान और लोकतंत्र का पर्व

हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, जो हमारे देश के इतिहास का एक अहम दिन है। इस दिन, साल 1950 में, भारत का संविधान लागू हुआ और हमारा देश एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। यह केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि यह दिन हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है।

गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से आज़ाद हो गया, लेकिन उस समय हमारा देश ब्रिटिश सरकार के बनाए कानूनों के अनुसार चल रहा था। हमें एक ऐसे संविधान की ज़रूरत थी, जो हमारे अपने आदर्शों और संस्कृति को दर्शाए। इसके लिए 29 अगस्त 1947 को एक संविधान सभा का गठन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की।

इस संविधान को तैयार करने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंतिम रूप दिया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी तारीख को “पूर्ण स्वराज दिवस” मनाने की घोषणा की गई थी।

संविधान: हमारे अधिकारों और मूल्यों का प्रतीक
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत और व्यापक संविधान है। यह हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे मौलिक अधिकार देता है। साथ ही, यह हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों का भी बोध कराता है।

गणतंत्र दिवस का जश्न
हर साल 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इस परेड में देश की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक धरोहर, और विभिन्न राज्यों की झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। राष्ट्रपति इस परेड में मुख्य अतिथि होते हैं और देश का तिरंगा फहराते हैं।

परेड में शामिल झांकियां भारत की विविधता में एकता को दर्शाती हैं। जवानों की परेड, स्कूली बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम, और वायुसेना के हैरतअंगेज प्रदर्शन पूरे देश को गर्व से भर देते हैं।

2025 का गणतंत्र दिवस: आत्मनिर्भर भारत की झलक
इस साल, 2025 में, हमारा देश “आत्मनिर्भर भारत” के विचार के साथ आगे बढ़ रहा है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, और ग्रीन एनर्जी जैसे प्रयास हमारे भविष्य को और मजबूत बना रहे हैं। इस गणतंत्र दिवस पर हम यह प्रण लें कि हम अपने देश को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

हमारा कर्तव्य
गणतंत्र दिवस केवल परेड या छुट्टी का दिन नहीं है। यह एक अवसर है, जब हम अपनी स्वतंत्रता और लोकतंत्र के महत्व को समझें। हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने आज़ादी और लोकतंत्र के लिए कितने बलिदान दिए।

आइए, 2025 के इस गणतंत्र दिवस पर हम यह संकल्प लें कि अपने संविधान के मूल्यों को दिल से अपनाएंगे और अपने देश को एकजुट, प्रगतिशील और सशक्त बनाएंगे।

जय हिंद!

Untold Life Story

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